शरद यादव के परिवार में कौन-कौन हैं, यहां जानें सबकुछ

 


बिहार, ऑनलाइन डेस्क। जनता दल यूनाइटेड(JDU) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार रात निधन हो गया है। गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली है। शरद यादव की उम्र 75 साल थी। हालांकि वह काफी समय से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे। गुरुवार की रात उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई थी । जिसके बाद तुरंत उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन इलाज के दौरान कुछ घंटे बाद ही उनका निधन हो गया। शरद यादव के निधन की जानकारी उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने फेसबुक पेज के माध्यम से दी थी। उन्होंने लिखा-पापा नहीं रहे। शरद यादव राजनीति में जाने माने नेता और सक्रिय नेता थे। शरद यादव के निधन से बिहार में शोक की लहर है।

शरद यादव के परिवार में कितने हैं सदस्य

शरद यादव का जन्म साल 1947 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में हुआ था। उन्होंने 15 फरवरी 1989 को शादी की थी। शरद यादव की पत्नी का नाम सुभाषिनी राज राव हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। उनके बेटे का नाम शांतनु बुंदेला और बेटी का नाम सुभाषिनी राजा राव हैं। उनके बेटे शांतनु ने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से की है। शरद यादव की बेटी राजनीति का भी हिस्सा रह चुकी हैं। उन्होंने साल 2020 में बिहार के विधानसभा के चुनाव होने से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़ी थीं। सुभाषिनी ने आरजेडी के टिकट पर बिहारीगंज विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था। लेकिन वोट न मिल पाने की वजह से वह इस सीट से चुनाव हार गई थीं।कानपुर से पहले भी कई शहरों में दिख चुका है ग्रिफॉन गिद्ध, वायरल दावा गलत

तीन राज्यों में सांसद रह चुके थे शरद यादव

बिहार की राजनीति में शरद यादव ने अपनी एक अलग पहचान बनाई हुई थी। उनकी समाजवाद वाली राजनीति ने लोगों को उनकी ओर बांधे रखा था। समाजवाद की राजनीति के आधार पर ही शरद यादव बिहार में लोकप्रिय नेता बने थे। शरद यादव सुलझे और ईमानदार छवि के नेता थे । वे देश में पहले ऐसे सांसद थे जिन्होंने तीन राज्यों में सांसद पद संभाला था। शरद यादव अपने गृह क्षेत्र जबलपुर लोकसभा से 1974 और 1977 में दो बार जीत दर्ज कर सांसद बने थे। तीसरी बार शरद यादव ने 1989 में उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी। वह बीपी सिंह की सरकार में भी मंत्री भी बने थे। हालांकि बंदायू से जीत के बाद शरद यादव का संसदीय क्षेत्र बिहार का मधेपुरा रहा जहां से वे चार बार सांसद रहे। वैसे तो वह मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। लेकिन शरद यादव ने बिहार में एक अलग पहचान बनाई थी।साल 1974 में रखा सक्रिय राजनीति में कदम

शरद यादव अपनी पढ़ाई के दौरान से ही राजनीति में दिलचस्पी रखते थे और उन्होंने तभी राजनीति में आने का मन बना लिया था। उन्होंने 1971 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। वह डॉ राम मनोहर लोहिया के विचारों से काफी प्रेरित थे। यही वजह है कि शरद यादव सक्रिय युवा नेता के तौर पर कई आंदोलनों से जुड़े थे। बता दें कि शरद यादव को MISA के तहत 1969-70, 1972 और 1975 में हिरासत में लिया गया था। शरद यादव ने सक्रिय राजनीति में 1974 में कदम रखा था।