Delhi Air Pollution राजधानी दिल्ली में स्मॉग की परत छाई हुई है। बुधवार सुबह दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 421 दर्ज किया गया जो हवा की गुणवत्ता की गंभीर श्रेणी है। अभी तीन दिन तक लगभग ऐसी ही स्थिति रहेगी।
नई दिल्ली, संवाददाता। अपेक्षाकृत बेहतर मौसमी परिस्थितियों के कारण बुधवार सुबह दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 421 यानी 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया, इससे पहले मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में भी आंशिक सुधार हुआ। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में कमोबेश सभी जगह कुछ कुछ अंकों की गिरावट देखने को मिली। एक्यूआइ कहीं ‘गंभीर’, तो कहीं ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज हुआ। सफर इंडिया के मुताबिक अभी तीन दिन तक लगभग ऐसी ही स्थिति रहेगी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली का एक्यूआइ 407 रहा। सोमवार को यह 434 था। 24 घंटे के भीतर इसमें 27 अंकों की गिरावट आई है। इस श्रेणी की हवा को भी ‘गंभीर’ कहा जाता है। दिल्ली के 19 इलाके भी ‘गंभीर’ श्रेणी के ही एक्यूआइ वाले रहे। पीएम 2.5 का स्तर 271 माइक्रोग्राम व पीएम 10 का स्तर 399 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकार्ड किया गया।
डीपीसीसी सदस्य डा अनिल गुप्ता ने बताया कि डीपीसीसी की बैठक में सभी आपत्तियों पर विरोध दर्ज कराया गया। कई प्रस्ताव नियमानुसार नहीं थे, उन्हें स्वीकृति नहीं दी गई। कुछ पर सुझाव दिए गए। कुछ प्रस्ताव अगली बैठक में नए सिरे से रखे जाएंगे। डीपीसीसी की कार्यक्षमता बढ़ाने व पर्यावरण को बेहतर करने पर भी चर्चा हुई।
राजधानी में लगेंगे मोबाइल मॉनिटरिंग स्टेशन
वायु गुणवत्ता मापने के लिए अब राजधानी में मोबाइल मॉनिटरिंग स्टेशन लगेंगे। ये स्टेशन किसी वाहन पर लगेंगे और जरूरत अनुसार सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों में तैनात हो सकेंगे। इनकी संख्या पर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा। यमुना में गिरने वाले बड़े नालों की मानिटरिंग के लिए भी मोबाइल मानिटरिंग स्टेशनों की मदद ली जाएगी। अभी इन नालों से गिरने वाले अपशिष्ट के स्पष्ट आंकड़े नहीं हैं।
साथ ही दिल्ली में विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर धूल के कारण लगे 50 लाख रुपये के जुर्माने को कम करने पर भी पुनर्विचार होगा। ये जुर्माना दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा लगाया गया था। दोनों निर्णय मंगलवार को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की 70वीं बैठक में लिए गए। बैठक में 23 बिंदु के एजेंडे पर चर्चा हुई। गैर सरकारी सदस्यों के विरोध व असहमति के कारण कई बिंदु स्वीकृत नहीं हो सके।
डीपीसीसी के आंतरिक आडिट को मंजूरी
बैठक में निर्णय लिया गया कि डीपीसीसी के वित्त प्रबंधन का अब आंतरिक आडिट होगा, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। पदोन्नति में मानकों से समझौता नहीं होगा। ट्रेनी फेलो को समय विस्तार दिया जाएगा, लेकिन नियम दरकिनार कर स्थायी नियुक्ति नहीं दी जाएगी। भविष्य में ट्रेनी फेलो भी तकनीकी योग्यता के आधार पर लिए जाएंगे।
स्वीकृत नहीं हुआ प्लास्टिक विकल्प मेले का खर्च
एक से तीन जुलाई 2022 तक त्यागराज स्टेडियम में हुए तीन दिवसीय प्लास्टिक विकल्प मेले का करीब डेढ़ दो करोड़ रुपये का खर्च स्वीकृत नहीं हो पाया। आयोजन में करीब 40 लाख रुपये तंबू पर खर्च हुए थे। इस पर गैर सरकारी सदस्यों ने आपत्ति जताई और कहा कि पहले यह फाइल डीपीसीसी अध्यक्ष से पास कराई जाए।
हर तीन माह में बैठक का आश्वासन
डीपीसीसी की 69वीं बैठक 30 दिसंबर 2020 को हुई थी। दो साल 11 दिन बाद मंगलवार इसकी 70वीं बैठक हुई। नियमानुसार हर तीन माह में एक बैठक करना अनिवार्य है। गैर सरकारी सदस्यों के कहने पर डीपीसीसी अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने आश्वस्त किया कि भविष्य में बैठक नियमानुसार ही होगी। समय का भी ख्याल रखा जाएगा।