26 घंटे और 1429 किमी दूरी तय करती है पातालकोट एक्सप्रेस , फिर भी नहीं यात्रियों के लिए पेंट्री कार की सुविधा

 


पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन में नहीं है पेंट्री कार की सुविधा।

पातालकोट एक्सप्रेस मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से फिरोजपुर तक पांच राज्यों को कवर करती है। यह ट्रेन 26 घंटे और 1429 किमी दूरी तय करती है। यात्री पूरा दिन और पूरी रात सफर करते हैं लेकिन इसके बावजूद भी अब तक ट्रेन में पेंट्री कार की सुविधा नहीं है।

छिंदवाड़ा, ऑनलाइन डेस्क। उत्तर भारत के लोग अभी भी कड़ाके की ठंड की मार झेल रहे हैं। घने कोहरे के कारण यात्रियों को यातायात करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। घने कोहरे के कारण ट्रेनों की यात्राओं में विलंब होता है। ट्रेनें देर से चलती हैं। इस वजह से पातालकोट एक्सप्रेस के परिचालन पर प्रभाव पड़ रहा है। रोजाना यह ट्रेन 5-6 घंटे की देरी से पहुंचती है। छिंदवाड़ा में शनिवार को भी पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन पांच घंटे की देरी से पहुंची पातालकोट एक्सप्रेस छिंदवाड़ा से फिरोजपुर तक पांच राज्यों को कवर करती है।

सालों से पेंट्री कार की हो रही है मांग

यह भारत के मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब राज्य से होकर गुजरती है। छिंदवाड़ा से फिरोजपुर तक पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन लगभग 26 घंटे में 1429 किमी की दूरी तय करती है। इतनी लंबी दूरी तय करने के बावजूद भी इस ट्रेन में पेंट्री कार की सुविधा नहीं है। इस वजह से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वर्षों से यात्री इस ट्रेन में लोग पेंट्री कार की मांग कर रहे हैं। एक बार फिर से पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन में पेंट्री कार की मांग ने तूल पकड़ लिया है।

खानपान और आम जरूरतों की चीजों के लिए तरस जाते हैं लोग

पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन में पेंट्री कार नहीं है। ठंड और गर्मी के मौसम में पेंट्री कार न होने की वजह से यात्रियों को सबके अधिक परेशानी होती है। लोग लंबे समय की यात्रा के दौरान अपने जरूरत की खानपान की चीजों का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह सुविधा न होने से सबसे ज्यादा मुश्किलें होती है। ट्रेन में सफर करने वाली एक महिला यात्री ने पेंट्री कार न होने की वजह से अपनी परेशानियां बताई। उन्होंने कहा कि पेंट्री कार की सुविधा न होने के वजह से बच्चे दूध के लिए तरस जाते हैं। बूढ़े लोग स्टेशन पर उतर नहीं सकते। स्टेशन पर खाने का सामान खरीदने गए तो ट्रेन छूटने का रिस्क रहता है। खाने, पीने की सामग्री भी नहीं मिल पाती है। उन्होंने कहा कि अगर ट्रेन में ही पेन्ट्री कार होगी तो दिक्कत नहीं होगी।

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ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है ट्रेन में पेंट्री कार की मांग

पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन लगभग 22 वर्षों से चल रही है। यह ट्रेन पहले परासिया स्टेशन से चलती थी। हालांकि इस ट्रेन में लोगों के लिए कई सुविधाएं बढ़ी है। लेकिन सालों से मांग के बावजूद भी पेंट्री कार की सुविधा अब तक नहीं मिल पाई है। पांच राज्यों को कवर करने के बावजूद भी रेलवे प्रशासन ने इस ट्रेन में पेंट्री कार की सुविधा होने पर अब तक ध्यान नहीं दिया है। ट्रेन में पेंट्री कार की मांग ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। पातालकोट एक्सप्रेस छिंदवाड़ा से फिरोजपुर के लिए सुबह 9.30 बजे अपनी यात्रा आरंभ करती है।

पूरा दिन और पूरी रात सफर करते हैं यात्री 

ट्रेन परासिया, जुन्नारदेव, नवेगांव, बोरदई, आमला, बैतूल, घोड़ाडोंगरी, इटारसी, होशंगाबाद, हबीबगंज, भोपाल, विदिशा, बिना, आगरा कैंट, दिल्ली सफदरगंज होते हुए अगले दिन सुबह 11.25 बजे फिरोजपुर पहुंचती है। इस ट्रेन में यात्री पूरा दिन और पूरी रात सफर कर फिरोजपुर पहुंचते हैं। इतना लंबा सफर तय करने के बावजूद भी ट्रेन में अब तक पेंट्री कार की सुविधा नहीं दी गई।

रेलवे के मापदंड पूरा करने के बाद भी नहीं मिली पेंट्री कार की सुविधा

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक कोरोना काल से पहले ट्रेन में पेंट्री कार की सुविधा के लिए मापदंड तय किए गए थे। जिसके मुताबिक रेलवे उसी ट्रेन में पेंट्री कार की सुविधा देती है जो 24 घंटे का सफर पूरा करती हो। इसके साथ साथ वह ट्रेन एक हजार किमी से अधिक की यात्रा तय करती हो। रेलवे के द्वारा तय किए गए दोनों ही मापदंड पर पातालकोट एक्सप्रेस खरी उतर रही है। लेकिन दोनों मापदंडों को पूरा करने के बावजूद भी रेलवे विभाग ने अब तक पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन में पेंट्री कार की सुविधा नही दी है।