नई दिल्ली, एजेंसी। विदेश से आने वाले यात्रियों की रैंडम कोरोना वायरस जांच (random coronavirus testing) शनिवार से एयरपोर्ट पर शुरू होगी। इस बीच नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने कहा है कि एयरलाइंस के क्रू मेंबर्स ऐसे पहचाने गए यात्रियों को हवाई अड्डे पर बनी टेस्टिंग फैसिलिटी तक ले जाएंगे।
चीन और दुनिया के कुछ अन्य हिस्सों में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए सरकार ने यह फैसला किया है। इसके तहत शनिवार सुबह से शुरू होने वाले अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में आने वाले यात्रियों में से 2 प्रतिशत यात्रियों का कोरोना वायरस टेस्ट रैंडम तरीके से किया जाएगा।
2 फीसदी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की होगी टेस्टिंग
शुक्रवार को मंत्रालय ने कहा कि एयरलाइंस अपने चालक दल के सदस्यों को निर्देश दें कि वे चिह्नित किए गए दो फीसदी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को एयरपोर्ट के टेस्टिंग फैसिलिटी पर लाएं। साथ ही एयरपोर्ट ऑपरेटर्स अपने संबंधित हवाई अड्डों पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए रैंडम टेस्टिंग फैसिलिटी के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करें।
टेस्टिंग के बाद सही पता और फोन नंबर देना होगा
यह जानकारी विमानन नियामक डीजीसीए को भेजी गई है और सभी शेड्यूल कॉमर्शियल एयरलाइन्स, एयरपोर्ट ऑपरेटरों के साथ-साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसकी प्रतियां भेजी गई हैं। रैंडम टेस्टिंग के बाद, यात्री को हवाईअड्डा स्वास्थ्य अधिकारियों (APHOs) हवाई अड्डे के अधिकारियों को सही फोन नंबर और पते की जानकारी देनी होगी।
अलग-अलग देशों से आने वाले यात्रियों का लेंगे सैंपल
APHOs को विधिवत प्रमाणित बिल जमा करने पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से टेस्टिंग की लागत का भुगतान कर दिया जाएगा। संबंधित एयरलाइंस प्रत्येक उड़ान में ऐसे यात्रियों की पहचान करेंगी, जो अलग-अलग देशों से हों। ऐसे यात्री सैंपल देने के बाद एयरपोर्ट से निकल सकते हैं। यदि कोई यात्री कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसका सैंपल जेनेटिक टेस्टिंग के लिए INSACOG लैब में भेजा जाएगा।