नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भेष बदलने में महारथी, चार्मिंग पर्सनैलिटी, पैसों और लड़कियों का दिवाना और शातिर अपराधी, होतचंद भवनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज उर्फ चार्ल्स शोभराज की यही पहचान है। नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री 'द सर्पेंट' हो या फिर बॅालीवुड में बनी 'मैं और चार्ल्स', जैसी फिल्म में 'बिकनी किलर' चार्लस शोभराज की कहानी को बखूबी स्क्रीन पर उतारने की कोशिश की गई। दिल्ली के तिहाड़ जेल से फरार होने से लेकर 20 साल की लड़की से शादी रचाने तक चार्ल्स का जीवन कई रोचक घटनाओं की एक सीरीज है।
कठिनाइयों से भरा था चार्ल्स का बचपन
6 अप्रैल 1944 को वियतनाम के साइगॉन में जन्मे चार्ल्स का बचपन काफी कठिनाइयों से भरा रहा। उन्हें उनके पिता ने अपनाने से इनकार कर दिया था। इस बात ने चार्ल्स के दिमाग पर काफी बुरा असर छोड़ा। बताया जाता है कि तकलीफों से भरे बचपन ने चार्ल्स को अपराध की दुनिया का एक मशहूर और स्मार्ट किलर बना दिया। शोभराज की मां वियतनाम से थी और पिता एक सिंधी हिंदुस्तानी थे। चार्ल्स के मां-बाप ने शादी नहीं की। विएतनाम में तैनात फ्रांस के एक फौजी लेफ्टिनेंट से चार्ल्स की मां की मुलाकात हुई। फौजी ने उन दोनों को अपनाया। इसके बाद चार्ल्स को फ्रांस की नागरिकता मिली।
19 साल की उम्र में पहली बार काटी जेल की सजा किशोरावस्था में उसने छोटे-मोटे अपराध करने शुरू कर दिए। शोभराज को पहली जेल की सजा तब मिली जब वह केवल 19 साल का था। जेल में वो फेलिक्स डी'एस्कोग्ने नामक एक धनी व्यक्ति संपर्क में आया, जिसके साथ उसकी दोस्ती काफी मजबूत हो गई। जेल से पैरोल मिलने के बाद दोनों रूममेट्स भी बन गए। यह वही दौर था जब शोभराज ने पेरिस के रहीशों के साथ उठना-बैठना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे अंडरवल्ड की दुनिया में दस्तक देने लगा। बता दें कि 20 साल की उम्र में उसने छोटे-मोटे घोटाले को अंजाम देने शुरू कर दिए। इसी दौरान उसकी मुलाकात चैंटल कॉम्पैग्नन से हुई, जो उसकी पहली पत्नी बनी।
1970 के दशक में चार्ल्स और उसकी पत्नी ने फ्रांस को अलविदा कहा और दोनों ने भारत आने का फैसला किया। हालांकि, रास्ते में दोनों ने अन्य पर्यटकों को धोखा दिया और नकली दस्तावेजों का उपयोग करके पूर्वी यूरोप की यात्रा पर निकल गए। उसी समय चार्ल्स एक कार तस्करी का सिंडिकेट भी चलाता था। इसी दौरान उसे ज्वैलरी स्टोर को लूटने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया, लेकिन वो अपने वफादार पत्नी के साथ भागने में कामयाब रहा। इसके बाद कई बार चार्ल्स अपराध को अंजाम देता रहा और भागने में कामयाब रहा। बता दें कि इस बीच उसकी जिंदगी में मैरी लेक्लेर ने कदम रखा, जो उसकी गर्लफ्रैंड बनी।
बिकनी किलर बनने की हुई शुरूआत
चार्ल्स ने सन् 1975 में पहले मर्डर को अंजाम दिया। हालांकि, इस घटना के लिए दोषी ठहराए जाने वाले वह अकेले नहीं थे। उनके साथ अजय चौधरी नाम का एक भारतीय भी था। मारे जाने वाले लड़की का नाम टेरेसा नोल्टन था और वह बिकनी पहने एक पूल में मृत पाई गई थी। उसने दूसरा मर्डर विताजी हाकिम नामक व्यक्ति का किया। हकीम की गर्लफ्रेंड भी बिकिनी पहने पूल में मृत पाई गई थी। इन घटनाओं के पीछे चार्ल्स को जिम्मेदार ठहराया गया।
इसके बाद चार्ल्स ने भारत में सन् 1976 में घूमने आए एक फ्रेंच ग्रुप को मौत के घाट उतार दिया। इजरायली टूरिस्ट की हत्या के मामले में चार्ल्स को सात साल की सजा मिली। जानकारी के मुताबिक, तिहाड़ में वो काफी आइशो आराम की जिंदगी जी रहा था। गौरतलब है कि साल 1986 में वह अपने साथियों सहित तिहाड़ जेल से भागने में कामयाब हो गया। हालांकि, कुछ दिनों के बाद वो फिर पकड़ा गया तो सजा पूरी करके फ्रांस चला गया। इसके बाद साल 2003 में चार्ल्स को नेपाल में गिरफ्तार किया गया। 1975 में डच युगल की हत्या के संबंध में साक्ष्य और चश्मदीद गवाह मिल जाने की वजह से उसे आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई।
20 साल की निहिता बिस्वास से की शादी
जेल में रहते हुए ही साल 2008 में उसने बिग बॉस 5 की प्रतियोगी निहिता बिस्वास से अपनी सगाई की घोषणा की। रिपोर्टों से पता चलता है कि उसने जेल में शादी की। शादी के वक्त निहिता 20 वर्ष की थी। वहीं, चार्ल्स 64 वर्ष के थे। निहिता भी खुले तौर पर उसके साथ अपने संबंध को स्वीकार कर चुकी हैं।
बाहर आ रहा है चार्ल्स शोभराज
बुधवार (21 दिसंबर) को जानकारी सामने आई है कि नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने फ्रेंच सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया है। शोभराज को उम्र के आधार पर रिहा कर दिया गया है। अदालत ने रिहाई के 15 दिनों के भीतर उसके निर्वासन का भी आदेश दिया। जुर्म की दुनिया में ‘बिकनी किलर’ और ‘सीरियल किलर’ के नाम से मशूहर शोभराज पर भारत, थाईलैंड, तुर्की और ईरान में 20 से अधिक लोगों की हत्या करने का आरोप है। काठमांडू जेल में 21 साल की सजा काटने के बाद शोभराज एक बार फिर बाहर आ रहा है।