Kerala High Court केरल के त्रिशूर जिले की एक नाबालिग लड़की अब अपने बीमार पिता को अपने हिस्से का कुछ लीवर डोनेट कर सकती है। केरल हाई कोर्ट ने लड़की की याचिका को स्वीकार करते हुए लीवर का एक हिस्सा अपने पिता को दान करने की इजाजत दे दी है।
कोच्चि, एजेंसी। केरल के त्रिशूर जिले की एक नाबालिग लड़की अब अपने बीमार पिता को अपने हिस्से का कुछ लीवर डोनेट कर सकती है। केरल हाई कोर्ट ने इसकी मंजूरी दे दी है। बता दें कि 17 वर्षीय देवानंदा ने मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 2014 की धारा 18 के तहत निर्धारित डोनर होने की उम्र में छूट की मांग की थी। कोर्ट ने लड़की की याचिका को स्वीकार करते हुए लीवर का एक हिस्सा अपने पिता को दान करने की इजाजत दे दी है।
कोर्ट ने क्या दिया बयान?
न्यायमूर्ति वीजी अरुण ने 20 दिसंबर के अपने फैसले में कहा कि ये जानकर बेहद खुशी हुई की देवानंदा की लड़ाई सफल हुई। वह पिता की जान बचाने के लिए देवानंदा की लड़ाई की काफी सराहना करते हैं। इसके साथ ही न्यायमूर्ति ने पिता के लिए लड़की की प्रेम भावना को सलाम किया और कहा कि धन्य हैं वे माता-पिता, जिनके पास देवानंदा जैसी संतान हैं।