राज्यसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले ही भाजपा ने 20 जून को होनेवाले विधान परिषद चुनावों की बिसात बिछा दी है। इन चुनावों में भाजपा ने अपनी क्षमता से दो अधिक उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। वहीं कुछ सप्ताह बाद ही मुंबई महानगरपालिका के भी चुनाव होने हैं।
जेएनएन, मुंबई: राज्यसभा चुनाव में शिवसेना उम्मीदवार संजय पवार की हार निकट भविष्य में शिवसेना को और ज्यादा परेशान करेगी। क्योंकि अगले कुछ महीनों में ही राज्य में कई और महत्त्वपूर्ण चुनाव होने हैं।
विधान परिषद चुनावों में क्रास वोटिंग की आशंका
राज्यसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले ही भाजपा ने 20 जून को होनेवाले विधान परिषद चुनावों की बिसात बिछा दी है। इन चुनावों में भाजपा ने अपनी क्षमता से दो अधिक उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। राज्यसभा में तो मतदान के समय मतपत्र अपने पार्टी एजेंट को दिखाना पड़ता है। इसके बावजूद महाविकास आघाड़ी समर्थक छोटे दल एवं कई निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के पक्ष में वोट किया। लेकिन विधान परिषद चुनाव में तो मतदान गुप्त होता है। ताज्जुब नहीं कि इन चुनावों में बड़े पैमाने पर क्रास वोटिंग हो, और महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों को मुंह की खानी पड़े।के बटवारे को लेकर भी संशय
विधान परिषद चुनावों के कुछ सप्ताह बाद ही मुंबई महानगरपालिका सहित राज्य की कई और बड़ी महानगरपालिकाओं एवं अन्य स्थानीय निकायों के चुनाव होने हैं। अब तक शिवसेना ये स्थानीय निकाय चुनाव कांग्रेस-राकांपा के विरुद्ध और भाजपा के साथ मिलकर लड़ती रही है। इन चुनावों में हमेशा एक-दूसरे के विरुद्ध लड़ते आए कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना के कार्यकर्ताओं में सीटों का बंटवारा कैसे होगा ? और आज के परिणाम के बाद तीनों सत्तारूढ़ दलों का हिल चुका आपसी भरोसा स्थानीय निकाय से लेकर लोकसभा और विधानसभा चुनावों तक इन्हें कैसे एक रखेगा, यह तो समय ही बताएगा।