एमसीडी के भ्रष्टाचार का पर्याय है गाजीपुर लैंडफिल साइट की आग : अनिल चौधरी

 

यहां के कचरे के ढेरों को साफ करने में कम से कम 10 साल और हजारों करोड़ रुपये लगेंगे।

भाजपा नेताओं और पार्षदों ने गाजीपुर कचरे के पहाड़ को साफ करने के लिए ट्रोमेल मशीन लगाने में सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च किए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। लैंडफिल का क्षेत्र और अधिक फैलता गया। कचरे को साफ करने में कम से कम 10 साल और हजारों करोड़ रुपये लगेंगे।

नई दिल्ली surender Aggarwal। प्रदेश कांग्रेस ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बार बार लगने वाली आग को एमसीडी के भ्रष्टाचार का पर्याय बताया है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी का कहना है कि एमसीडी ने हाल ही में उसी जगह लगी भीषण आग, जिसे बुझाने में 50 घंटे से अधिक का समय लगा था, से भी कोई सबक नहीं सीखा। आलम यह है कि भाजपा शासित एमसीडी द्वारा 15 साल के भ्रष्ट कुशासन के कारण गाजीपुर में कूड़े के ढेर को साफ करने के लिए कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

उन्होंने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि भाजपा नेताओं और पार्षदों ने गाजीपुर कचरे के पहाड़ को साफ करने के लिए ट्रोमेल मशीन लगाने में सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। लैंडफिल का क्षेत्र और अधिक फैलता गया।

हैरानी की बात यह कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए अब यह तर्क दे रही है कि यहां के कचरे के ढेरों को साफ करने में कम से कम 10 साल और हजारों करोड़ रुपये लगेंगे। चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि तीनों निगमों के विलय से पहले वे इस मामले को गंभीरता से लें और दिल्ली वासियों के स्वास्थ्य और राष्ट्रीय राजधानी के पर्यावरण की रक्षा के लिए लैंडफिल साइटों पर पुराने कचरे को साफ कराने के निमित्त कोई सख्त कदम उठाएं।