'लोक संसद' में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बोले, ज्ञान और प्रज्ञा के संवर्धन का देश है भारत

 

लोक संसद कार्यक्रम में बोलते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

केरल के राज्यपाल के अनुसार पिछले 100 वर्षों में दुनिया ने विविधता को स्वीकार करना शुरू किया है जबकि भारत ने ये काम 5000 वर्ष पहले ही शुरू कर दिया था। भारत की संस्कृति अपनी बुनियादी जड़ों से जुड़ी हुई है।

नई दिल्ली। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि 'पूरे विश्व के इतिहासकार ये मानते हैं कि दुनिया में 5 सभ्यताएं सबसे पुरानी हैं। इसमें ईरानी सभ्यता अपने वैभव के लिए, रोम की सभ्यता सुदंरता के लिए, चीन की सभ्यता कौशल एवं कानून के प्रति सम्मान के लिए और तुर्की की सभ्यता बहादुरी के लिए जानी जाती है, लेकिन इन सबसे अलग भारत की सभ्यता ज्ञान और प्रज्ञा के संवर्धन के लिए जानी जाती है।' यह बात उन्होंने शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित 'लोक संसद' का शुभारंभ करते हुए कही।आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित 'लोक संसद' को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि भारत की विरासत उसकी ज्ञान परंपरा है। पूरी दुनिया में हमारी पहचान इसी से है। केरल के राज्यपाल के अनुसार पिछले 100 वर्षों में दुनिया ने विविधता को स्वीकार करना शुरू किया है, जबकि भारत ने ये काम 5000 वर्ष पहले ही शुरू कर दिया था। भारत की संस्कृति अपनी बुनियादी जड़ों से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु था और उसमें वो ताकत है कि वो फिर से विश्व गुरु बन सकता है। हमें अपने पतन के उस दृष्टिकोण पर ध्यान देना होगा, जहां ज्ञान को साझा करने के बजाय छिपाने का काम किया गया।

'हरि' और 'अली' को मिलाकर आएगी देश में 'हरियाली': स्वामी चिदानंद मुनि

परमार्थ निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि देश में 'हरियाली' लानी है तो 'हरि' और 'अली' को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि यह 'आजादी का अमृत महोत्सव' नहीं, बल्कि 'आबादी का अमृत महोत्सव' है। 'लोक संसद' समय की मांग है, जहां बिलों का पास नहीं कराया जाता, बल्कि दिलों को जोड़ा जाता है। आज प्रत्येक भारतीय को देश के साथ जुड़ने की आवश्यकता है।

बता दें कि इस कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि, वरिष्ठ चिंतक एवं विचारक केएन गोविंदाचार्य, मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित 'जल पुरुष' डॉ. राजेंद्र सिंह, राष्ट्रीय इमाम संघ के मुख्य इमाम डाक्टर इमाम उमेर अहमद इलियासी, शिया धर्मगुरु एवं प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान डाक्टर मौलाना कल्बे रूशैद रिजवी, गांधीवादी विचारक पीवी राजगोपाल एवं बिहार के पूर्व डीजीपी एवं कथावाचक गुप्तेश्वर पांडेय भी मौजूद रहे।