केंद्रीय बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बताया कि लद्दाख के पास बिजली वितरण केंद्रों को लक्षित करके चीनी हैकरों द्वारा किए गए प्रयासों को सफलतापूर्वक अवरुद्ध कर दिया गया है और कोई नुकसान नहीं हुआ है।
नई दिल्ली, एएनआइ। चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और लद्दाख में अपने काले कारनामों को करने के लिए अभी तक उतारू है। इस बीच चीनी हैकरों ने लद्दाख के पावर ग्रिड को बाधित करने का आज प्रयास किया है। केंद्रीय बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार को बताया कि लद्दाख के पास बिजली वितरण केंद्रों को लक्षित करके चीनी हैकरों द्वारा किए गए प्रयासों को सफलतापूर्वक अवरुद्ध कर दिया है।
हैकरों द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में बिजली वितरण को लक्षित करने वाले साइबर हमले के दो प्रयास किए गए। अगस्त और मार्च के बीच लद्दाख के पास पावर ग्रिड पर साइबर हमले का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, सिंह ने कहा, "चीनी हैकरों द्वारा लद्दाख के पास बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाने के दो प्रयास किए गए लेकिन सफल नहीं हुए।" मंत्री ने आगे कहा कि साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए रक्षा प्रणाली को मजबूत किया गया है।
आठ महीनों में दूसरा मामला
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीन प्रायोजित हैकरों ने पिछले आठ महीनों में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पास भारतीय बिजली वितरण केंद्रों को दो बार निशाना बनाया था। इस बीच, भारतीय सेना और वायु सेना के शीर्ष अधिकारी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैयारियों और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं का आकलन कर रहे हैं क्योंकि भारत और चीन दोनों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में गतिरोध की स्थिति में बनी हुई हैं। भारत ने अप्रैल-मई 2020 में चीनी सैनिकों द्वारा दिखाई गई आक्रामकता के बाद अपनी तैनाती में कई बदलाव किए हैं।
दोनों देशों में कई बार हुई वार्ता
भारत और चीन मुद्दों को हल करने के लिए सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर एक-दूसरे से कई बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी साफ कर दिया है कि इस मुद्दे का समाधान तभी होगा जब चीन द्वारा पूरी तरह सीमा पर पहले की स्थिति की जाए। इस बीच भारत ने एलएसी पर अपनी तैनाती को कई गुना मजबूत किया है। भारतीय वायु सेना ने आगे के क्षेत्रों में उन्नत ठिकानों का निर्माण भी शुरू कर दिया है, जिसमें न्योमा जैसे आगे के क्षेत्रों से लड़ाकू जेट और हमले के हेलीकॉप्टर संचालित करने के लिए बुनियादी ढांचा शामिल है।