ईरान में अफगान शरणार्थियों को किया जा रहा है परेशान, वायरल हुआ वीडियो

 

पड़ोसी देश ईरान में अफगान शरणार्थियों को परेशान किया जा रहा है

अफगानिस्तान में तालिबानी अधिग्रहण के बाद सैकड़ों लोग अपना देश छोड़कर दूसरे देशों में चले गए थे। ‌वहीं में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है जिसमें पड़ोसी देश ईरान में अफगान शरणार्थियों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए दिखाया गया है।

काबुल, एएनआइ।‌ पिछले साल‌ अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां के हालात बिल्कुल बदल गए हैं।‌ देश मानवीय संकट से जूझ रहा है। यही नहीं देश एक बड़े बदलाव के दौर से भी गुज़र रहा है, जिसका सीधा असर यहां की आबादी पर पड़ रहा है। इन सबके बीच, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाया जा रहा है कि कैसे पड़ोसी देश ईरान में अफगान शरणार्थियों को परेशान किया जा रहा है।

अफगान शरणार्थियों का वायरल वीडियो

टोलो न्यूज में बताया गया है कि सोशल मीडिया पर दुनिया भर में, तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में अफगान शरणार्थियों को सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित और दुर्व्यवहार करते दिखाया गया है। आपको बता दें कि पिछले अगस्त में तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगान शरणार्थी आश्रय की तलाश में ईरान गए थे, जहां पर अब उन्हें आए दिन नहीं मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ‌टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान में रह रहे अफगान शरणार्थियों में से कई के पास कानूनी दस्तावेज या वीजा नहीं है, जिसके कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है।

अफगान शरणार्थीयों ने बताया

एक अफगान शरणार्थी सैयद मुमताज ने कहा, 'मैं चार महीने पहले ईरान गया था। लेकिन वीजा रखने वाले लोगों के साथ भी उनके बुरे व्यवहार के कारण, मैं पुलिस के पास गया और अफगानिस्तान वापस आने के लिए खुद का आत्मसमर्पण कर दिया।' ईरान में एक अन्य अफगान शरणार्थी नसरुल्ला काशानी ने कहा, 'बड़ी समस्या है, हमारे पास आवासीय दस्तावेजों की कमी है। कई लोग हाल ही में इस देश में आए हैं।'

इस बीच, तालिबान की ओर से, ईरानी सरकार से अफगान शरणार्थियों के साथ दयालु व्यवहार करने का अनुरोध किया है, जिसमें कहा गया, 'अफगानों ने हाल ही में बहुत सारी समस्याओं का सामना किया है। हालांकि हम जानते हैं कि कुछ अफगान अवैध तरीकों से जा रहे हैं, उनके साथ इस्लामी और पड़ोसी मूल्यों के आधार पर नरम आचरण के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए।'

हालांकि, काबुल में ईरानी दूतावास ने दावों का खंडन किया और इस वीडियो को फर्जी बताया। ईरान दूतावास के प्रेस काउंसिलर सैयद अबास बद्रीफर ने कहा, 'सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले वीडियो का उद्देश्य ईरान और अफगानिस्तान के देशों के बीच गहरे और ऐतिहासिक संबंधों को प्रभावित करना है।' उन्होंने कहा, 'एक शरणार्थी के पास स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा तक पहुंच होनी चाहिए। एक शरणार्थी को उसके देश में निर्वासित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उसका जीवन खतरे में है और फिर एक शरणार्थी को निर्वासित होने पर दंडित नहीं किया जाना चाहिए।'

इसके अलावा, एक महिला अधिकार कार्यकर्ता, आसिफा स्टानिकजई ने भी कहा, 'ईरानी अधिकारियों के साथ हमारी टीम की बातचीत के साथ, यह महसूस किया गया कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।'