अनधिकृत ई-रिक्शा को लेकर हाईकोर्ट नाराज, सरकार को आवश्यक कदम उठाने व स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश

 

राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से चलने वाले ई रिक्शा व आटो के संचालन को लेकर हाईकोर्ट नाराज।

उन्होंने दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट ने एमसी मेहता बनाम भारत संघ के मामले में 11 नवंबर 2011 के आदेश के तहत दिल्ली में सीएनजी संस्करण के लिए एक लाख आटो परमिट की सीमा तय की थी।

नई दिल्ली, संवाददाता। दिल्ली की सड़कों पर चल रहे अनधिकृत ई-रिक्शा व आटो रिक्शा पर कार्रवाई करने में दिल्ली सरकार की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए एक अभियान चलाया जाना चाहिए। पीठ ने सवाल उठाया कि यह कैसे हो सकता है कि फिटनेस समाप्त होने के बावजूद भी हजारों ई-रिक्शा सड़क पर चल रहे हैं?अनधिकृत ई-रिक्शा व आटो के खिलाफ याचिकाकर्ता अजीत कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार सड़क पर चलने वाले प्रत्येक वाहन चालक के पास फिटनेस प्रमाण पत्र रखने की अनिवार्यता को लागू करने के प्रति गंभीर नहीं है। पीठ ने कहा कि सरकार ने स्वीकार किया है कि 80 हजार से अधिक ई-रिक्शा के फिटनेस प्रमाण पत्र समाप्त हो चुके हैं। लेकिन, ये सड़क पर चले हैं और संबंधित अधिकारी कार्रवाई करने में नाकाम हैं।

पीठ ने कहा कि आप स्पष्ट रूप से अपना काम नहीं कर रहे हैं।पूरा मामला यातायात विभाग की मनमर्जी पर चल रहा है, पुलिस किसी को पकड़कर चालान काट देती है या किसी को छोड़ देती है।पीठ ने उक्त टिप्पणी करते हुए मामले में जरूरी कदम उठाने व इस संबंध में 11 मई तक एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। इस दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता सत्यकाम ने कहा कि यह एक कार्यान्वयन का मामला है और इस पर उठए उठाए जा रहे हैं।उन्होंने पीठ को सूचित किया कि 2199 अनधिकृत रिक्शा के खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है।

अजीत कुमार ने याचिका दायर कर मांग की है कि ई-आटो के लिए नए आवेदन आमंत्रित करने के दिल्ली परिवहन प्राधिकरण के हालिया निर्णय को तब तक लागू नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि पहले से मौजूद अनधिकृत वाहनों को हटा नहीं दिया जाता। उन्होंने दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट ने एमसी मेहता बनाम भारत संघ के मामले में 11 नवंबर 2011 के आदेश के तहत दिल्ली में सीएनजी संस्करण के लिए एक लाख आटो परमिट की सीमा तय की थी।

वहीं, इससे पहले याचिका पर जवाब दाखिल करते हुए दिल्ली सरकार ने कहा था कि 22 दिसंबर 2021 तक 80,583 ई-रिक्शा बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के दिल्ली की सड़कों पर चल रहे थे। इसी तरह दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले 9451 आटो रिक्शा का फिटनेस सर्टिफिकेट खत्म हो गया है।