यह डिफेंस सिस्टम है जो दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से गिरा सकता है। यह दुश्मन के क्रूज एयरक्राफ्ट और बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। यह सिस्टम रूस के ही एस-300 का अपग्रेडेड वर्जन है। यह एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है।
नई दिल्ली। भारत ने रूसी डिफेंस सिस्टम एस-400 की तैनाती की तैयारियां शुरू कर दी है। दुनिया के सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम की पहली खेप भारतीय वायु सेना अगले महीने पंजाब एयरबेस पर तैनात करेगी। इस डिफेंस सिस्टम को पंजाब प्रांत में एक खास रणनीति के तहत तैनात किया जा रहा है। यहां से चीन और पाक की सीमा पर किसी भी नापाक कोशिश को नाकाम किया जा सकेगा। बता दें कि एस-400 एक एयर डिफेंस सिस्टम है। यह डिफेंस सिस्टम हवा के जरिए हो रहे किसी भी हमले को रोकता है। यह दुश्मन देशों के मिसाइल, ड्रोन, राकेट लांचर और फाइटर जेट्स के हमले को रोकने में कारगर है। इसे रूस के एलमाज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ने बनाया है। दुनिया के बेहद आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम में इसकी गिनती होती है। भारत और रूस के बीच एस-400 की पांच यूनिट के लिए 2018 में करीब 40 हजार करोड़ रुपए की डील हुई थी।1- भारतीय सेना ने कहा कि इस डिफेंस मिसाइल सिस्टम की तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पांच जगहों पर एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती संभव है। सेना का कहना है कि इस कार्य को पूरा करने में कम से कम छह सप्ताह और लगेंगे। इस सिस्टम की पहली रेजिमेंट को इस तरह से तैनात किया जा रहा है कि यह उत्तरी क्षेत्र में चीन की सीमा के कुछ हिस्सों के साथ पाकिस्तानी बार्डर पर भी निगरानी कर सके। वह दुश्मन की मिसाइलों को 600 किलोमीटर दूर तक टारगेट कर सकता है। इस डिफेंस सिस्टम में 400 किलोमीटर तक दुश्मन के मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता है।
2- यह एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से गिरा सकता है। यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। यह सिस्टम रूस के ही एस-300 का अपग्रेडेड वर्जन है। यह एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है। भारतीय सेना में शामिल होने के बाद सीमाओं की सुरक्षा अधिक और हमले का खतरा कम हो जाता है। यह सिस्टम किसी भी संभावित हवाई हमले का पता पहले ही लगा लेता है। इससे दुश्मन के इरादों का पता पहले ही लग जाता है और सेना आसानी से सतर्क हो जाती है।
3- एस-400 के रडार 100 से 300 टारगेट एक साथ ट्रैक कर सकते हैं। वह 600 किमी तक की रेंज में ट्रैकिंग कर सकता है। इसमें लगी मिसाइलें 30 किमी ऊंचाई और 400 किमी की दूरी में किसी भी टारगेट को भेद सकती हैं। इससे जमीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है। एक ही समय में यह 400 किमी तक 36 टारगेट को एक साथ मार सकती है। इसमें 12 लांचर होते हैं, यह तीन मिसाइल एक साथ दाग सकता है और इसे तैनात करने में पांच मिनट लगते हैं।
4- यह दुनिया का सबसे एडवांस डिफेंस सिस्टम है। इसमें चार तरह की मिसाइल होती हैं। एक मिसाइल 400 किमी की रेंज वाली होती है, दूसरी 250 किमी, तीसरी 120 और चौथी 40 किमी की रेंज वाली होती है। रूस का यह हथियार अपनी कैटेगरी में दुनिया में सबसे बेहतरीन माना जाता है।
5- इसका पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है, जिसे नाटो देशों में SA-21 ग्रोलर के नाम से जाना जाता है। रूस द्वारा विकसित यह मिसाइल सिस्टम जमीन से हवा में मार करने में सक्षम है। इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार माना जाता है। एस-400 दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करने में सक्षम है।
पाकिस्तानी के पास है चीनी एयर डिफेंस सिस्टम
1- चीन ने अक्टूबर महीने में पाकिस्तान को स्वदेशी तकनीक पर विकसित हाई टू मीडियम एयर डिफेंस सिस्टम एचक्यू-9 सौंपा था। इस सिस्टम में लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लगी होती हैं। इस मिसाइल सिस्टम को चाइना प्रेसिजन मशीनरी इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन ने विकसित किया है। इसकी लंबाई 6.8 मीटर और वजन करीब 2000 किलोग्राम तक होता है। यह हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल, हेलीकाप्टर, विमान, मानव रहित विमान, गाइडेड बम और टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल जैसे कई खतरों को रोक सकता है।
2- चीन के पास एचक्यू-9 मिसाइल सिस्टम के कई वेरियंट है। इसकी अधिकतम रेंज 100 किमी से 300 किमी तक है। इसको शामिल किए जाने के बाद पाकिस्तान का दावा था कि इससे पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा काफी मजबूत हुई है। पाक का यह भी दावा था कि यह एयर डिफेंस सिस्टम एक साथ कई लक्ष्यों को इंटरसेप्ट कर सकता है। विशेषज्ञों का दावा है कि चीन ने इस मिसाइल सिस्टम को रूस के एस-300 और अमेरिका के एमआईएम-104 पैट्रियट मिसाइल सिस्टम की तकनीक पर विकसित किया है।