हल्का संक्रमित कर लोगों को प्राकृतिक इम्युनिटी दे रहा ओमिक्रोन

 

विज्ञानी समुदाय का अनुमान है कि ओमिक्रोन समय के साथ डेल्टा का खतरा खत्म कर देगा (फोटो : दैनिक जागरण)

अभी यह देखना होगा कि ओमिक्रोन ही इसका अंतिम रूप साबित होता है या और भी वैरिएंट सामने आएंगे। इसलिए सतर्क रहना जरूरी है। बड़ी राहत की बात यह दिख रही है कि ओमिक्रोन का संक्रमण लोगों को डेल्टा के संक्रमण के खतरे से बचा रहा है।

 सामान्य शब्दों में कहा जाए तो किसी वायरस को संक्रमण फैलाने में जब मुश्किल होती है, तो वह अपने स्वरूप में बदलाव कर संक्रामकता बढ़ा लेता है। पिछले दो साल में दुनियाभर में कोरोना वायरस के स्वरूप में बहुत ज्यादा परिवर्तन हो चुका है। ओमिक्रोन वैरिएंट ने उन देशों में भी बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर दिया है, जहां पहले बहुत मामले नहीं आए थे। अब तक के तथ्य बता रहे हैं कि इसका संक्रमण बहुत घातक नहीं है। बहुत कम लोगों में ही लक्षण गंभीर हुए हैं। उम्मीद की जा रही है कि 2022 में यह बीमारी जानलेवा नहीं रहेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इस ओर इशारा करते हुए कहा है कि नए साल में इस महामारी का एक्यूट फेज खत्म हो सकता है। यह वायरस तब भी लोगों के बीच मौजूद रहेगा। इससे कामन कोल्ड की तरह खांसी, सर्दी, नाक से पानी आने, सिर दर्द, हल्के बुखार व कमजोरी जैसे लक्षण दिखेंगे।

अभी यह देखना होगा कि ओमिक्रोन ही इसका अंतिम रूप साबित होता है या और भी वैरिएंट सामने आएंगे। इसलिए सतर्क रहना जरूरी है। बड़ी राहत की बात यह दिख रही है कि ओमिक्रोन का संक्रमण लोगों को डेल्टा के संक्रमण के खतरे से बचा रहा है। विज्ञानी समुदाय का अनुमान है कि ओमिक्रोन समय के साथ डेल्टा का खतरा खत्म कर देगा, जो बहुत सुकून की बात है। ध्यान देने की बात यह है कि जब तक लोग संक्रमित होते रहेंगे, तब तक नए वैरिएंट का खतरा बना रहेगा। इसलिए बचाव के कदमों को नहीं छोड़ना है। हमें मास्क, शारीरिक दूरी और ज्यादा से ज्यादा संख्या में टीकाकरण को पूरा करना होगा। फिलहाल विज्ञानी टीके में बदलाव को लेकर भी सचेत हैं। विज्ञानी ऐसा टीका विकसित करने के प्रयास में है, जो कोरोना के किसी भी भावी वैरिएंट से निपटने में कारगर होगा। इलाज के नए रास्ते में बन रहे हैं। इन सब संकेतों से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2022 कोरोना महामारी से मुक्ति का वर्ष होगा।

अब तक जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उनसे यह लगता है कि ओमिक्रोन हल्का संक्रमित कर लोगों को प्राकृतिक इम्युनिटी दे रहा है। इसलिए यह नया साल कोरोना की वैश्विक महामारी से मुक्ति का साल साबित हो सकता है। इसमें टीकाकरण की भी अहम भूमिका होगी।