पंजाब दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के खिलाफ भाजपा के कई सांसदों ने शुक्रवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पीएम को मारने की साजिश रची।
नई दिल्ली,एएनआइ। पंजाब दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के खिलाफ भाजपा के कई सांसदों ने शुक्रवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने 'पीएम को मारने की साजिश रची'। प्रदर्शन कर रहे भाजपा सांसदों ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की मांग की।
समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा, 'पीएम मोदी की सुरक्षा से समझौता किया गया था और उनकी जान को खतरे में डाल दिया गया था। यह पंजाब सरकार की एक साजिश थी। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने घटना को लेकर माफी नहीं मांगी है। यह बहुत चिंता का विषय है।'
पश्चिम बंगाल के सांसद लाकेट चटर्जी ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और पंजाब में कांग्रेस सरकार जानती है कि पीएम मोदी की नीतियां देश में विकास ला रही हैं और वे पीएम को मारना चाहते हैं ताकि देश में विकास कार्यों को रोका जा सके।'
राजस्थान के सांसद पीपी चौधरी ने कहा, 'घटना पूर्व नियोजित थी। जो सरकार पीएम को सुरक्षा नहीं दे सकती थी, वह अपने नागरिकों को कैसे सुनिश्चित कर सकती है। कांग्रेस पार्टी पीएम की लोकप्रियता का मुकाबला करने में असमर्थ है।' चौधरी ने पंजाब सरकार को बर्खास्त करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
राज्यसभा सांसद भुवनेश्वर कलिता ने कहा, 'पीएम के काफिले पर हमला करने की साजिश कांग्रेस पार्टी और पंजाब के सीएम कार्यालयों में रची गई थी। इसलिए, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की जानी चाहिए और पंजाब के सीएम को पद से इस्तीफा देना चाहिए।
दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा, 'पीएम मोदी पर हमला करने की योजना
राहुल गांधी और सोनिया गांधी द्वारा बनाई गई थी। राहुल गांधी, सोनिया
गांधी और पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के फोन की जांच होनी चाहिए।'
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर का
दौरा सुरक्षा में बड़ी चूक का हवाला देते हुए रद कर दिया गया। गृह
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क अवरुद्ध
किए जाने के कारण पीएम 15-20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर फंसे रहे। गृह
मंत्रालय ने सुरक्षा में इस गंभीर चूक का संज्ञान लिया है और राज्य सरकार
से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।