दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के शेष दो नामित सदस्यों का चयन पांच जनवरी को होगा। इसके लिए दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने नवनिर्वाचित सदस्यों की बैठक बुलाई है।इसके बाद नई कार्यकारिणी के गठन के लिए सदस्यों की बैठक बुलाई जाएगी।
नई दिल्ली । दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के शेष दो नामित सदस्यों का चयन पांच जनवरी को होगा। इसके लिए दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने नवनिर्वाचित सदस्यों की बैठक बुलाई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा भेजे गए मनोनित सदस्य के नाम की घोषणा के साथ ही दिल्ली के गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्षों में से एक सदस्य का लाटरी से चयन किया जाएगा। उसके बाद नई कार्यकारिणी के गठन के लिए सदस्यों की बैठक बुलाई जाएगी।
डीएसजीएमसी का चुनाव परिणाम 25 अगस्त को घोषित हुआ था, लेकिन आजतक नामित सदस्यों के चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। एसजीपीसी ने मनजिंदर सिंह सिरसा को डीएसजीपीसी में सदस्य मनोनित किया था जिसके खिलाफ शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के महासचिव हरविंदर सिंह सरना अदालत चले गए थे। उन्होंने सिरसा के पंजाबी ज्ञान पर सवाल उठाते हुए उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। अदालत के निर्देश पर गुरुद्वारा चुनाव निदेशक ने पंजाबी की परीक्षा लेने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था।
निदेशक के फैसले को उन्होंने अदालत में चुनौती दी थी लेकिन अब वह शिरोमणि अकाली दल बादल छोड़कर भाजपा में शामिल होने के साथ ही कमेटी के अध्यक्ष व सदस्य की दौड़ से अपने को अलग कर लिया है। उनकी जगह अब मनोनित सदस्य के लिए एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी का नाम निदेशालय के पास भेजा गया है। बैठक में सदस्यों की उपस्थिति में उनके नाम की पुष्टि की जाएगी। लाटरी से चुने जाने वाले दो सदस्यों के नाम पर भी विवाद हो गया था। दो सदस्यों के लिए लाटरी से पांच नाम निकाले गए थे, लेकिन इन सभी नामों पर आपत्ति थी।
सत्यापन के बाद गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने गुरुद्वारा सिंह सभा सफदरजंग एंक्लेव के अध्यक्ष महिंदर सिंह को नामित सदस्य घोषित किया है। अन्य चार नामों का सत्यापन नहीं हो सका। सभी मृत बताए जाते हैं। यह मामला अदालत में है और 13 जनवरी को इसकी सुनवाई होगी। उम्मीद है कि निदेशालय ने गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्षों के नामों की सूची को ठीक कर ली होगी और बैठक में बचे हुए एक सदस्य का लाटरी से चयन हो जाएगा।
नामित सदस्यों के चयन के बाद कार्यकारिणी गठन के लिए15 दिनों का नोटिस देकर नवनिर्वाचित सदस्यों की बैठक बुलाई जाती है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो 20 जनवरी के आसपास डीएसजीएमसी के नए अध्यक्ष सहित पांच पदाधिकारियों और कार्यकारिणी का चुनाव होगा।