जामिया नगर के कब्रिस्तान की भूमि पर अतिक्रमण की करें जांच, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया अधिकारियों को निर्देश

 

जामिया नगर के कब्रिस्तान की भूमि पर अतिक्रमण की करें जांच

जामिया नगर में एक कब्रिस्तान की भूमि पर अतिक्रमण के आरोपों की जांच करने और अवैध पाए जाने पर निर्माण को ध्वस्त करने करने का दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है। आरोप है कि निजी बिल्डरों ने भू-माफिया के साथ मिलकर कब्रिस्तान की भूमि पर कब्जा कर लिया है

नई दिल्ली। जामिया नगर में एक कब्रिस्तान की भूमि पर अतिक्रमण के आरोपों की जांच करने और अवैध पाए जाने पर निर्माण को ध्वस्त करने करने का दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) और पुलिस अधिकारियों को आरोपों की जांच करने और कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया।गैर सरकारी संगठन जनहित विकास संस्था ने याचिका दायर कर अनधिकृत और अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

अधिवक्ता आलमगीर के माध्यम से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुछ निजी बिल्डरों ने भू-माफिया के साथ मिलकर कब्रिस्तान की भूमि पर कब्जा कर लिया है और इस पर अवैध निर्माण करके लोगों को बेचने की कोशिश की जा रही है।

याचिका में दावा किया गया है कि बिल्डर्स अभी भी बिना किसी योजना के अधिकारियों की मिलीभगत से भवन का अनधिकृत निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारियों की निष्कि्रयता के कारण हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में पारित निर्णयों और आदेशों का पूर्ण उल्लंघन किया जा रहा है।