भारत ने अफगानिस्तान को भेजी 5 लाख कोवैक्सीन की डोज: भारत बायोटेक

 

भारत ने अफगानिस्तान को भेजी 5 लाख कोवैक्सीन की डोज: भारत बायोटेक

भारत बायोटेक ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के तहत एक और बैच में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कोवैक्सिन की पांच लाख डोज उपलब्ध करवाई है। वैक्सीन डोज का बैच इंदिरा गांधी अस्पताल काबुल को सौंप दिया गया है।

नई दिल्ली, एएनआइ। भारत बायोटेक ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के तहत एक और बैच में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कोवैक्सिन की पांच लाख डोज उपलब्ध करवाई है। भारत बायोटेक ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि आज यानि सोमवार को भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के तहत कोविड वैक्सीन की कोवैक्सीन की 5 लाख डोज के अगले बैच की आपूर्ति की है। वैक्सीन डोज का बैच इंदिरा गांधी अस्पताल काबुल को सौंप दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले हफ्तों में अफगानिस्तान को एक और बैच में पांच लाख अतिरिक्त वैक्सीन की डोज उपलब्ध करवाई जाएगी।

1.6 टन की मेडिकल सहायता प्रदान की गई

गौरतलब हो कि इससे पहले अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के तहत भारत की ओर से अंतिम बैच की आपूर्ति की गई। इस बैच में भी 5 लाख कोविड वैक्सीन की डोज भेजी गई थी। इसके साथ ही भारत ने अफगान के लोगों को मानवीय सहायता के तहत खाद्यान्न, एक मिलियन कोविड वैक्सीन डोज और जरूरी दवाएं देने का ऐलान किया था। पिछले महीने दिसंबर की शुरुआत में भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के माध्यम से अफगानिस्तान को 1.6 टन मेडिकल सहायता प्रदान की थी।

गरीबी से जूझ रहा अफगानिस्तान

आपको बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से ही अफगानिस्तान गहरे आर्थिक, मानवीय और सुरक्षा संकटों से जूझ रहा है। इसके बाद विदेशी सहायता के निलंबन, इफगान सरकार की संपत्ति को जब्त करने और तालिबान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने गरीबी से जूझ रहे अफगानिस्तान को पूरी तरह से आर्थिक संकट की ओर धकेल दिया है। देश में सूखा और अकाल फाल रहा है। दूसरी ओर तालिबान के कब्जा करने के बाद से लोगों को लगातार अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा हैं। संयुक्त राष्ट्र ने विश्व के सभी देशों से अफगानिस्तान के लोगों को अपने देश में शरण देने का आग्रह भी किया था। इसके साथ अमेरिकी सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से केंद्रीय बैंको में जमा अफगानिस्तान की राशी को मुक्त करने की मांग भी की थी, जिससे देश के लोगों की आर्थिक मदद हो सके।