बागेश्वर की वीरांगना बसंती देवी के लिए 2022 का पहला दिन खुशियां लेकर आया। जिला पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष मेजर (रि.) बीएस रौतेला के प्रयास से उन्हें 50 साल बाद हक मिला है। हवलदार रैंक की पेंशन ले रहीं वीरांगना को अब नायब सूबेदार रैंक की पेंशन मिलेगी।
संवाददाता, हल्द्वानी : बागेश्वर की वीरांगना बसंती देवी के लिए 2022 का पहला दिन खुशियां लेकर आया। जिला पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष मेजर (रि.) बीएस रौतेला के प्रयास से उन्हें 50 साल बाद हक मिला है। हवलदार रैंक की पेंशन ले रहीं वीरांगना को अब नायब सूबेदार रैंक की पेंशन मिलेगी। साथ ही अब तक का एरियर व 85 वर्ष से अधिक उम्र होने पर 30 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन दी जाएगी।
सैनिक लीग के अध्यक्ष मेजर (रि.) बीएस रौतेला ने बताया कि बागेश्वर के तहसील कांडा के दूरस्थ गांव मलसूना के साधो सिंह 24 वर्ष की सेवा के बाद 1971 में रिटायर्ड हुए। सेवानिवृति के बाद उन्हें नायब सूबेदार के पद से सम्मानित किया गया, मगर उन्हें हवलदार रैंक की पेंशन मिलती रही। 27 मार्च 1998 को उनकी मृत्यु हो गई। पति की मृत्यु के बाद वीरांगना बसंती देवी ने पारिवारिक पेंशन के लिए आवेदन किया तो उन्हें भी हवलदार रैंक की पेंशन मिलती रही।
2019 में हल्द्वानी आई बसंती ने यह बात हल्द्वानी जिला पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष मेजर रि. बीएस रौतेला को बताई थी। रौतेला ने सीपीपीसी से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो पता चला था कि उनके पति का रैंक हवलदार अंकित हैं। इस आधार पर उन्हें हवलदार रैंक की पेंशन दी जा रही है। उन्होंने सारे दस्तावेज पीसीडीए इलाहाबाद भेज दिए थे। वीरांगना के बेटे चंदन सिंह ने बताया कि उनकी मां को संशोधित पेंशन भुगतान का आदेश मिल गया है।