बायोलाजिस्ट डा. रमेश पूनिया को स्वास्थ्य विभाग ने अब तीसरी लहर से लड़ने के लिए बनाई गई टीम में शामिल ही नहीं किया। जबकि कोरोना की पहली दो लहरों में काम करन के लिए कई संस्थाओं की तरफ से उन्हें कोरोना वारियर के सम्मान से नवाजा गया।
संवाददाता, हिसार: कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर में लीक से हटकर काम करने वाले स्वास्थ्य विभाग के बायोलाजिस्ट डा. रमेश पूनिया को स्वास्थ्य विभाग ने अब तीसरी लहर से लड़ने के लिए बनाई गई टीम में शामिल ही नहीं किया। जबकि कोरोना की पहली दो लहरों में काम करन के लिए कई संस्थाओं की तरफ से उन्हें कोरोना वारियर के सम्मान से नवाजा गया। बुधवार को कोविड कार्यों के लिए बनाई गई 24 टीम में से डा. पूनिया का नाम गायब कर दिया गया। सूची जारी होने के बाद शहर में कई तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई है।
डा. पूनिया भी मानते है कि शायद किसी के दबाव में आकर ऐसा किया गया हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी पहली लहर के दौरान एक रसूखदार युवक का कोरोना सैंपल करवाने के मामले में उन्हें पूर्व सीएमओ ने उनके कार्यभार से मुक्त कर दिया था। लेकिन मामले में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के हस्तक्षेप के बाद उन्हें वापस कार्यभार सौंपा गया था।
स्वास्थ्य विभाग ने यह सूची की है जारी
स्वास्थ्य विभाग ने डिस्ट्रिक कोविड इंचार्ज, डीसीएचसी एंड आक्सीजन मैनेजमेंट, डेड बाडी मैनेजमेंट, होम आइसोलेशन मैनेजमेंट, ट्रांसपोर्ट फेसिलिटी टीम, सैंपलिंग, कोविड केयर सेंटर, कंटेनमेंट जोन इंचार्ज, कोविड हेल्पलाइन, आरोग्य सेतू एप टीम, कोविड वेक्सीनेशन पोर्टल, कोविड वैक्सीनेशन पोर्टल की टीम सहित कुल 24 टीमें बना दी है। जो कोविड कार्य करेगी। इसकी रिपोर्ट भी हिसार के प्रशासनिक अधिकारियों समेत हेल्थ कर्मियों को भेजी गई है। लेकिन इस लिस्ट में डा. पूनिया को कोई कार्यभार नहीं दिया है।
डा. पूनिया ने किए यह काम, जिसके चलते विभागाधिकारियों ने फेर ली आंखे -
पहला काम - डा. रमेश पूनिया सबसे पहले तब चर्चा में आए थे। जब हिसार की पहली कोविड-19 रोगी सेक्टर 16-17 निवासी महिला के घर को सेनेटाइज करने के लिए नगर निगम की टीम ने हाथ खड़े कर दिए थे। इसके बाद उन्होंने अपने साथियों के साथ जाकर कोरोना संक्रमित महिला के घर को सेनेटाइज किया। हालांकि यह काम उनके कार्यभार में नहीं था। डा. पूनिया के लीक से हटकर काम करने पर आम लोगों ने भी उन्हें एक नायक के तौर पर लिया और कोरोना काल में उनसे बेड, आक्सीजन, वेंटीलेटर की सुविधा की मदद मांगी तो डा. पूनिया ने भी साथ दिया।
दूसरा काम -
कोविड मरीजों के घर से कूड़ा उठाने में नगर निगम कर्मियों ने आनाकानी करने पर उन्होंने खुद कूड़ा उठाया। ठीक हो चुके कोविड मरीजों का जब सामाजिक बहिष्कार होने लगा तो डा. पूनिया ने स्वयं अपनी टीम के साथ उनके घर जाकर खाना खाकर लोगों का भ्रम तोड़ा कि जो ठीक हो चुके हैं, उनसे कोरोना नहीं होता।
तीसरा काम
तीसरी लहर में जब अस्पतालों ने ओवरचार्जिंग शुरू कर दी तो इसके खिलाफ भी डा. पूनिया ने आवाज बुलंद की। हिसार ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के कई अस्पतालों से गरीब मरीजों की करीब एक करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वापस दिलाई।
चौथा काम -
कोविड मरीज के संपर्क में आए युवक को ढूंढने के लिए शहर के 400 सीसीटीवी कैमरे खंगाले थे। उनके इस काम की तत्कालीन पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने तारीफ की थी।
पांचवा काम -
क्वारंटाइन में रहने मरीजों को घरो और क्वारंटाइन केंद्रो में अपने स्तर पर ही खाना, फल, दवाइयां उपलब्ध करवाई। जिसके कारण जनता उनकी मुरीद है।
-- कोरोना के खिलाफ लड़ने के 24 टीमें तैयार कर दी है। इनमें अलग-अगल टीमें बनाई गई है। डा. रमेश पूनिया डिस्ट्रिक्ट कोविड इंचार्ज के साथ मिलकर करवाएंगे।
डा. रत्नाभारती, सीएमओ, हिसार।