दिल्ली में कोरोना की तेज रफ्तार जारी, बीते 24 घंटे में 4000 से ज्यादा नए मरीज मिले

 

दिल्ली में कोरोना की थम नहीं रही रफ्तार, करीब 4100 नए मरीज मिले

दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आंकड़े के अनुसार दिल्ली में आज 4099 कोरोना के नए मरीज मिले। संक्रमण दर बढ़कर 6.46 फीसद हो गई है। इसके साथ ही कोरोना के एक मरीज की मौत भी हो गई।

नई दिल्ली,  संवाददाता। राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। सोमवार को चार हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आंकड़े के अनुसार, दिल्ली में आज 4099 कोरोना के नए मरीज मिले। संक्रमण दर बढ़कर 6.46 फीसद हो गई है। इसके साथ ही कोरोना के एक मरीज की मौत भी हो गई। बीते 24 घंटे में 1509 मरीज स्वस्थ भी हुए। दिल्ली में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 10986 हो गई है। बीते 24 घंटे में 63477 कोरोना टेस्ट हुए।स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 6288 मरीज होम आइसोलेशन में हैं जबकि 420 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। 244 मरीज कोविड सेंटर में हैं। इन मरीजों में से 124 आक्सीजन सपोर्ट पर हैं जबकि 7 वेटिंलेटर सपोर्ट पर हैं।

इससे पहले रविवार को कोरोना के 3194 नए मरीज मिले थे, जो 227 दिनों में सबसे अधिक थे। इससे पहले पिछले साल 20 मई को 3231 मरीज मिले थे। चिंताजनक यह है कि तीन दिन में कोरोना के नए मामले 82.43 फीसद से ज्यादा बढ़े हैं। तीन दिन पहले की तुलना में करीब ढाई गुना ज्यादा नए मामले आए हैं। इससे सक्रिय मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है।

एक सप्ताह में आए 10,769 मरीज

दिल्ली में ओमिक्रोन का पहला मामला पिछले माह पांच दिसंबर को आया था। इसके बाद अब तक कोरोना के कुल 12,826 मामले आए हैं। इसमें से 10,769 मामले पिछले एक सप्ताह में आए हैं। वहीं पांच दिसंबर से अब तक कुल 4,740 मरीज ठीक हुए हैं।

सौ सक्रिय मरीजों में से तीन ही हो रहे हैं अस्पताल में भर्ती

दूसरी लहर में डेल्टा का कहर झेल चुके दिल्ली के लोगों को कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों ने एक बार फिर मुश्किल में डाल दिया है। कामकाज के साथ-साथ जिंदगी का डर भी सताने लगा है। इस बीच थोड़ी राहत की बात यह है कि मौजूदा समय में अभी 100 सक्रिय मरीजों में से तीन मरीज ही अस्पतालों में भर्ती हैं। पिछले साल दूसरी लहर में डेल्टा के संक्रमण के वक्त 100 सक्रिय मरीजों में से 19 से 22 मरीज अस्पतालों में भर्ती होते थे। इस लिहाज से दूसरी लहर के मुकाबले अभी करीब सात गुना कम मरीज अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।