ये हैं वो 5 सबसे खतरनाक Online Scam जिनके जरिए हैकर्स कर सकते हैं आपका बैंक अकाउंट खाली

 

Online Fraud की प्रतिकात्मक फाइल फोटो यह है

को अंजाम देने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में लोगों के लिए इन तरीकों के बारे में जानना बहुत जरूरी है। हम आपको यहां कुछ Online Scam के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।

नई दिल्ली, टेक डेस्क। भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud) के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इन मामलों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में 155260 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। हालांकि, अधिकतर मामलों में यह देखा गया है कि लोग एक ही तरह के ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हुए हैं। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि हैकर्स ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम देने के लिए किन तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। आज हम आपको यहां ऑनलाइन स्कैम के बारे में बताएंगे, जिनका इस्तेमाल साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए करते हैं।

eKYC

ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम देने का यह सबसे साधारण तरीका है, जिसमें ज्यादातर लोग आसानी से फंस जाते हैं। हैकर्स बैंक या पेटीएम केवाईसी कार्यकारी बनकर लोगों को कॉल करते हैं और एक एसएमएस के जरिए लिंक शेयर करते हैं। इसमें लोगों से मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट जैसी निजी जानकारी अपडेट करने को कहा जाता है। इसके बाद हैकर्स बैंक अकाउंट प्राप्त करके लोगों की बैंक में जमा राशि उड़ा लेते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि जब भी आपके पास बैंक या पेटीएम से कॉल आए तो भूलकर भी अपने बैंक अकाउंट की जानकारी साझा न करें।

SIM card upgrade or swipe

हैकर्स सबसे पहले लोगों के बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी हासिल करते हैं। इसके बाद वह मोबाइल ऑपरेटर के रिटेल आउटलेट पर जाकर फर्जी आईडी प्रूफ के जरिए पुरानी सिम को ब्लॉक करके नई सिम ले लेते हैं। नई सिम के एक्टिवेट होने के बाद हैकर्स बैंक अकाउंट का उपयोग करके बैंक में जमा राशि उड़ा लेते हैं।

साइबर ठग कैशबैक स्कैम को अंजाम देने के लिए लोगों को व्हाट्सएप या फोन पर कैशबैक ऑफर वाले मैसेज भेजते हैं। इन मैसेज में मैलिशियस लिंक होते हैं। इनमें लोग अपने बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर जैसी अहम जानकारी दर्ज कर देते हैं। इसके बाद साइबर ठग लोगों की निजी जानकारी का इस्तेमाल करके बैंक खाते में जमा रकम उड़ा लेते हैं।

Olx/Quikr

Olx और Quikr दो ऐसे प्लेटफॉर्म हैं, जिनका इस्तेमाल आज के समय में किसी भी चीज को बेचने के लिए किया जाता है। हालांकि, अब हैकर्स भी इन प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। हैकर्स इन प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन पोस्ट करने वाले शक्स को कॉल करते हैं और चालाकी से उसकी सारी निजी जानकारी हासिल कर लेते हैं। इसके बाद जालसाज धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं।

USB charging port

एयरपोर्ट से लेकर रेलवे स्टेशन तक पर पब्लिक चार्जिंग प्वाइंट लगे हैं। लोगों की सुविधा के लिए इन चार्जिंग प्वाइंट को लगाया गया है। लेकिन हैकर्स इन पब्लिक चार्जिंग प्वाइंट पर जाकर मैलिशियस चिप लगा देते हैं, जो डिवाइस के कनेक्ट होने पर यूजर का निजी डेटा चुरा लेती हैं। इसके बाद हैकर्स यूपीआई पिन और पासवर्ड का इस्तेमाल करके लोगों को चूना लगा देते हैं।