कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के लिए रहना होगा तैयार

तीसरी लहर को लेकर आशंका डरा रही है।

2021 के शुरुआत में दुनिया में बड़े पैमाने पर लोग संक्रमित हुए। इससे जब प्रतिरक्षा में वृद्धि हुई तो वायरस के सामने संक्रमण फैलाने के रास्ते बंद होते नजर आए। तब इसने अपने रूप में बदलाव करके संक्रमण फैलाना शुरू किया।

नई दिल्‍ली, भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप अभी शांत भी नहीं हुआ था कि तीसरी लहर की आहट और उससे निपटने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बुधवार को भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि देश में तीसरी लहर को टाला नहीं जा सकता है। हम अपनी पूर्व तैयारियों से इसके प्रभाव को कुंद कर सकते हैं। दरअसल पहली लहर से मिले सबक को अगर हम दूसरी लहर से लड़ने में इस्तेमाल करते तो आज इतना भयानक मंजर नहीं होता।

यही चूक आज हमें भारी पड़ रही है। अब तीसरी लहर में किसी खामियाजे के लिए न तो हमारे पास सहनशक्ति है और न ही हिम्मत। अबकी बार हमें किसी गफलत में नहीं रहना है। दूसरी लहर भले ही शांत हो जाए लेकिन हम सब कोविड अनुकूल व्यवहार जारी रखेंगे। बढ़-चढ़कर टीकाकरण कराएंगे। और तीसरी लहर के लिए सबसे संवेदनशील हमारे किशोरों और बच्चों की अच्छी तरह से देखरेख करेंगे। क्योंकि इस विनाशलीला को किसी भी कीमत पर खत्म करने की जिम्मेदारी हमारी सामूहिक है। जीतेंगे हम ही।

लहरों का तिलिस्म: वायरस बहुत चालाक होता है। जिस भी स्तर पर ये खुद को संक्रमण फैलाने में कमजोर पाता है, तत्क्षण खुद में कुछ ऐसे बदलाव कर लेता है जिससे वो सामने वाली मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र आबादी को अपना शिकार बना सके। चूंकि तीसरी लहर तक ज्यादा से ज्यादा लोग टीकाकरण करा चुके होंगे और एक बड़ी आबादी में संक्रमण के चलते प्राकृतिक प्रतिरक्षा विकसित हो चुकी होगी, लिहाजा वायरस के ऊपर बदलाव का दबाव ज्यादा होगा। 2019 और 2020 का वायरस उस चाबी के समान था जो ज्यादा से ज्यादा तालों में फिट हो सकती थी, 2021 में वायरस ने अपने इस स्वभाव में गुणात्मक वृद्धि की। आने वाले दिनों में खुद में बदलाव करके ये और ज्यादा घातक हो सकता है।

  • लोगों में मौजूद प्रतिरक्षा और एहतियाती कदमों के संयुक्त असर से पहली लहर रोकी गई।
  • दूसरी लहर इसलिए आई क्योंकि वायरस को संक्रमण फैलाने का मौका मिला। हम लापरवाह हुए और हमारी प्रतिरक्षा भी कमजोर हुई।
  • जब तक नए स्तर की प्रतिरक्षा हासिल होती, तब तक बड़ी आबादी इससे संक्रमित हो चुकी थी।
  • पहली लहर के बाद व्यापक स्तर पर प्रतिरक्षा नहीं विकसित हो सकी। चूंकि पहली लहर के दौरान बड़ी आबादी ने एहतियाती कदमों पर मजबूती से अमल किया जिससे वे अप्रभावित रहे। समय के
  • साथ जिन लोगों में प्रतिरक्षा विकसित हुई थी, उसमें भी क्षय हुआ।
  • वास्तव में दूसरी लहर पहली से छोटी होती है, लेकिन कई कारकों ने इसे पहली लहर से कई गुना बढ़ा दिया।
  • 2019 में जब वायरस अस्तित्व में आया तो यह सर्वसंक्रामक प्रकृति का था। यह सिर्फ इंसान ही नहीं, कई प्रकार के स्तनधारी प्राणियों को संक्रमित कर सकता था।
  • अक्टूबर 2020 में दूसरी लहर शुरू हुई। अब तक वायरस ऐसी कुंजी बन चुका था जो सभी ताले खोल सकती है। ज्यादा से ज्यादा संक्रमण करने के दौरान इसने अपने आप को और मजबूत किया।
  • 2021 के शुरुआत में दुनिया में बड़े पैमाने पर लोग संक्रमित हुए। इससे जब प्रतिरक्षा में वृद्धि हुई तो वायरस के सामने संक्रमण फैलाने के रास्ते बंद होते नजर आए। तब इसने अपने रूप में बदलाव करके संक्रमण फैलाना शुरू किया।
  • जिस तरह से व्यापक पैमाने पर संक्रमण फैला हुआ है, इससे एक बार फिर जबरदस्त प्रतिरक्षा हासिल होगी। लिहाजा संक्रमण फैलाने में विवश वायरस एक और घातक बदलाव कर सकता है। तीसरी लहर को लेकर यही आशंका डरा रही है।