रांची पुलिस का बड़ा बयान, लालू यादव के कॉल रिकॉर्डिंग मामले में दर्ज नहीं होगी एफआइआर

 बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव। फाइल फोटो

बरियातू थाना प्रभारी ने कहा कि मामले में पीड़ित पक्ष ने बिहार में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। अब दोबारा मामला दर्ज नहीं होगा। भाजपा के एक स्‍थानीय नेता इस मामले में शिकायत की थी।

रांची। रांची के रिम्स में इलाज के लिए भर्ती चारा घोटाले के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित ऑडियो टेप मामले में बरियातू थाना पुलिस एफआइआर दर्ज नहीं करेगी। गत 27 नवंबर को इस मामले में भाजपा के स्थानीय नेता अनुरंजन अशोक की ओर से लिखित शिकायत थाने में दी गई थी। अपनी शिकायत पत्र के साथ भाजपा नेता ने एक पेन ड्राइव भी दिया था। इसमें कथित ऑडियो होने का दावा किया गया था।

दरअसल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की ओर से अपने ट्विटर हैंडल के जरिये इस बात का दावा किया गया था कि रांची में सजा काटने के दौरान लालू प्रसाद यादव ने बिहार में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक से फोन पर बातचीत की। इसमें उन्होंने बिहार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहने के लिए कहा। इसके बदले विधायक को प्रलोभन दिया गया।मामला रांची के बरियातू इलाके से जुड़ा होने के कारण इस मामले में भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता की ओर से थाने में लिखित शिकायत देकर राजद सुप्रीमो पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की गई थी। शिकायत पत्र स्वीकार करने के दौरान थाना प्रभारी की ओर से भरोसा दिलाया गया था कि वह इस मामले में उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे।

यह भी कहा गया था कि इस बात की विवेचना की जाएगी कि इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की ओर से एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है अथवा नहीं। यह भी कहा गया था कि शिकायत पत्र के साथ दिए गए ऑडियो की सत्यता की जांच की जाएगी। ऑडियो की प्रमाणिकता की रिपोर्ट आए बगैर ही शिकायत मिलने के 13 दिनों बाद आखिरकार बरियातू पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज करने से इन्‍कार कर दिया है।

आखिर किसके इशारे पर काम कर रही पुलिस

पुलिस की ओर से इस मामले में एफआइआर दर्ज करने में अपनी असमर्थता व्यक्त करने के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर किसके इशारे पर इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने में अड़चन पैदा की जा रही है। पुलिस के आला अधिकारियों ने इस मामले में फिलहाल चुप्पी साध रखी है।

क्या कहते हैं थाना प्रभारी

विधायक को फोन करने के मामले में पटना में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। ऐसे में रांची में दोबारा प्राथमिकी दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर कोई सनहा दर्ज कराता है तो थाने की यह जिम्मेवारी है कि वह सनहा स्वीकार करे। -सपन महथा, इंस्पेक्टर, बरियातू थाना।